भाई का लंड देखकर दीदी की चूत ने पानी छोड़ा – Bhai-Bahan Chudai Kahani1 min read

Brother sister sex story – Virgin behen ki chudai sex story: हेलो दोस्तों, मेरा नाम रोहित है, मैं नागपुर का रहने वाला 21 साल का जवान लड़का हूँ, कद 5 फुट 8 इंच, बॉडी मजबूत और मेरा लंड 16 सेमी लंबा और 4 सेमी मोटा है। मेरी बड़ी दीदी नेहा 23 साल की है, कद 5 फुट 5 इंच, फिगर 38-28-38, गोरा रंग, बड़े-बड़े दूध और भारी गांड, लंबे घने बाल, सच में कोई भी देखे तो एक बार तो लंड खड़ा हो ही जाए। हम दोनों इंजीनियरिंग कर रहे हैं और बहुत फ्रैंक हैं।

पहले मैं अपनी दीदी के बारे में गंदा कुछ नहीं सोचता था, लेकिन जब से मैंने भाई-बहन की सेक्स कहानियाँ पढ़नी शुरू कीं, मेरी नजरें बदल गईं। दीदी को देखते ही लंड तन जाता था। मैंने ठान लिया था कि किसी भी तरह दीदी को पटाना है। मैंने ढेर सारी कोशिशें कीं, उनके दूध दबाने की कोशिश की, ज्यादा चिपकने लगा, यहाँ तक कि उन्हें बता दिया कि मैं रोज मुठ मारता हूँ। दीदी ने हँसते हुए कहा, “ये उम्र में सब करते हैं, टेंशन मत ले।”

फिर मौका आया। मम्मी-पापा 15 दिन के लिए साउथ इंडिया टूर पर जा रहे थे। हमारी एग्जाम नजदीक थीं इसलिए हम दोनों नहीं जा सके। नानी भी उसी दिन मामा के यहाँ चली गईं क्योंकि मामी का नौवां महीना चल रहा था। घर में सिर्फ मैं और दीदी अकेले रह गए। मैंने सोचा, अब आखिरी कोशिश करता हूँ।

मेरे लैपटॉप में ढेर सारी ब्लू फिल्में थीं और दीदी को ये पता था। हम अलग-अलग देखते थे, साथ में कभी नहीं। दीदी को काफी दिनों से वाइन ट्राई करनी थी। मैंने कहा, “आज रात ट्राई कर लेते हैं।” वो मान गई। मैं पहले भी पी चुका था, मुझे नशे का अंदाजा था। शाम को मैं वाइन ले आया। रात नौ बजे हमने पीनी शुरू की। मैंने दीदी को एक के बाद एक पैग बनाकर पिलाए, खुद कम पिया। जल्दी ही दीदी को जोरदार नशा चढ़ गया, उनकी आँखें लाल हो गईं, बोलने में हल्की हिचकिचाहट आने लगी।

मैंने कहा, “चलो आज साथ में ब्लू फिल्म देखते हैं।” दीदी बोलीं, “ठीक है, दिखा।” हम बेड पर लेटकर फिल्म देखने लगे। फिल्म में भाई-बहन ही चुदाई कर रहे थे। मैंने धीरे से दीदी के होंठों पर अपना होंठ रख दिया। पहले तो वो विरोध करने की कोशिश करने लगीं, पर नशे और नींद के कारण वो ज्यादा कुछ कर नहीं पाईं। मैंने लैपटॉप साइड रखा और दीदी के सारे कपड़े उतार दिए। उनका नंगा जिस्म देखकर मेरा लंड पत्थर जैसा हो गया। मैंने उनके पूरे बदन पर किस करना शुरू किया, दूध दबाए, निप्पल चूसे।

दीदी आधी नींद में थीं। मैंने अपना लंड निकाला, उनकी चूत पर थूक लगाई और अंदर डालने की कोशिश की। लेकिन दीदी की चूत बहुत टाइट थी, लंड सिर्फ़ टप्पा छू पाता था। मैंने जोर लगाया ही था कि मेरा सारा माल उनकी चूत के ऊपर ही गिर गया। मैं लंड अंदर डाल भी नहीं पाया। निराश होकर मैं दीदी से नंगा चिपककर सो गया।

सुबह जब दीदी की आँख खुली और उन्होंने हमें नंगे देखा तो चीख पड़ीं। फिर मुझे दो जोरदार थप्पड़ मारे और रोने लगीं। मैंने सॉरी बोला, लेकिन वो नहीं मानी। फिर मैंने कहा, “दीदी सच में कुछ नहीं हुआ, मैं कोशिश ही कर रहा था, अंदर डाल भी नहीं पाया।” ये सुनकर वो थोड़ी शांत हुईं।

दीदी ने पूछा, “सच बोल रहे हो, कुछ नहीं हुआ?” मैंने कहा, “हाँ दीदी, रुक जा रोना।” वो बोलीं, “पर तूने ऐसा क्यों किया? मैं तेरी बहन हूँ!” मैंने कहा, “नेहा मैं तुमसे सच्चा प्यार करता हूँ, तुम्हारे साथ सब करना चाहता हूँ।” दीदी बोलीं, “ये गलत है, ये सब अपनी गर्लफ्रेंड के साथ करना चाहिए।” मैंने कहा, “बहुत सारे भाई-बहन ऐसा करते हैं, तुम यकीन नहीं करोगी तो मैं दिखाता हूँ।”

फिर मैंने उन्हें ढेर सारी भाई-बहन की कहानियाँ दिखाईं। हम दोनों नंगे ही बैठे थे क्योंकि अब छुपाने को कुछ बचा नहीं था। कहानियाँ पढ़ते-पढ़ते दीदी की साँसें तेज हो गईं, उनकी चूत गीली हो चुकी थी। जैसे ही उन्होंने मेरी तरफ देखा, मेरा लंड फिर खड़ा था। वो मेरे लंड को देखकर रुक गईं। मैंने उन्हें गले लगा लिया। मेरा लंड उनकी चूत पर रगड़ खा रहा था। हमने पाँच मिनट तक पागलों की तरह किस किया, जीभ अंदर तक डाली।

दीदी ने हाँफते हुए कहा, “रोहित, कंडोम ले आओ, प्रॉब्लम हो जाएगी।” मैं फटाफट कपड़े पहने, बाहर दुकान से 10 दिन के लिए कंडोम पैक ले आया। घर आते ही दरवाजा बंद किया और दीदी को ब्रा-पैंटी में देखकर फिर किस करने लगा। दीदी उस वक्त वर्जिन थीं और मैं भी। मैंने उनकी ब्रा उतारी, बड़े-बड़े रसीले दूध बाहर आए। मैंने उन्हें जोर-जोर से चूसना शुरू किया। दीदी चिल्लाईं, “आअह्ह रोहित, जोर से चूस मेरे बूब्स को, आह्ह ह्ह्ह चूस रे मेरे भाई”

दीदी ने मेरे सारे कपड़े उतारे और मेरे लंड से खेलने लगीं। फिर हम 69 पोजीशन में आ गए। दीदी मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगीं, ग्ग्ग्ग ग्ग्ग्ग गीई गीई गों गों गोग गोग, पूरा गला तक ले जा रही थीं। मैं उनकी चूत चाट रहा था, जीभ अंदर डालकर चूस रहा था, आह्ह दीदी की चूत से रस की बूंदें निकल रही थीं। हम दोनों की सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं, आह इह्ह्ह ओह्ह ओह्ह्ह आह्ह ह्ह्ह्ह ऊउइई ऊईईई

फिर मैंने दीदी को सीधा लिटाया, कंडोम लगाया और उनकी चूत पर लंड रखा। पहले सिर्फ सुपारा अंदर गया, दीदी की आँखें फट गईं। मैंने धीरे-धीरे दबाव डाला, आधा लंड अंदर गया। फिर एक जोरदार झटका मारा, पूरा लंड फचाक से अंदर चला गया। दीदी की चीख निकल गई, “आअह्ह्ह्ह माँँँ मर गयीीी ईईई” वो दर्द से छटपटाने लगीं। मैं रुक गया, उनके होंठ चूसने लगा। थोड़ी देर बाद दर्द कम हुआ तो दीदी ने खुद गांड उचकाना शुरू किया। मैं समझ गया अब मजा आने लगा है।

मैंने झटके तेज किए। दीदी पूरी तरह मूड में आ गई थीं, “चोद जोर से चोद अपनी दीदी को आह्ह्ह ह्ह्ह्ह आऊऊ ऊउइईई रोहित फाड़ दे मेरी चूत, आई लव यू माय हसबैंड” ये सुनकर मैंने स्पीड और बढ़ा दी। कमरा हमारे जिस्मों के टकराने और दीदी की चिखों से भर गया, फच फच फच आह्ह ह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह। आखिर हम दोनों एक साथ झड़ गए। मैंने अपनी दीदी की चूत में पहली बार वीर्य का एहसास करवाया।

उसके बाद हमने 15 दिन तक खूब चुदाई की। दीदी ने आगे चलकर मेरी मदद से मेरी मामी, पड़ोस की आंटी और मेरी गर्लफ्रेंड तक सेट की, वो सब अगली कहानियों में।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!