तन्हा ससुर, तन्हा बहु – Sasur Bahu Chudai Kahani1 min read

Sasur bahu sex kahani – Widhwa bahu chudai sex story: हैलो दोस्तों, मेरा नाम प्रतिमा है, मैं नॉर्थ ईस्ट के एक छोटे से राज्य से हूँ। मेरी शादी को पाँच साल होने वाले थे, मगर तीन साल पहले एक सड़क हादसे में मेरे पति का देहांत हो गया। उस वक्त मेरा बेटा सिर्फ तीन महीने का था, अब वो तीन साल का हो चुका है। घर में सिर्फ हम तीन लोग हैं, मैं, मेरा बेटा और मेरे ससुर। सास जी तो कैंसर से कई साल पहले चल बसी थीं।

पहले मैं घर पर ही रहती थी, लेकिन पति के जाने के बाद मुझे एक ऑफिस में नौकरी मिल गई। अब दिन भर ऑफिस और घर का काम, दोनों संभालती हूँ। उम्र मेरी अभी अट्ठाईस साल है, ससुर जी अड़तालीस के हैं, एकदम सीधे-सादे इंसान, पर तन्हाई ने उनमें भी आग भर रखी थी।

ऑफिस में फ्री टाइम में मैं सेक्स स्टोरीज़ पढ़ती थी, और न जाने क्यों, घर लौटते ही ससुर जी को देखकर मेरे बदन में सिहरन दौड़ने लगती। खासकर जब मैं नाइट सूट या मैक्सी में होती, उनकी निगाहें मेरे जिस्म पर ठहर जातीं। मैंने भी उन्हें ललचाना शुरू कर दिया।

एक दिन नहाकर मैं सिर्फ तौलिया लपेटे कपड़े सुखाने बाहर जा रही थी। ससुर जी लुंगी में टीवी देख रहे थे। मैंने देखा नहीं, वो मुझे ऐसे ही देखते रह गए। वापस आते वक्त मेरी पैंटी कहीं गिर गई थी, पता ही नहीं चला। जब वो मुझे पैंटी लौटाने आए तो उनका हाथ मेरे हाथ से टकराया, बस वहीं से मेरी शर्म बेशर्मी में बदल गई। पूरा बदन काँप उठा, चूत में गुदगुदी सी होने लगी। उस दिन के बाद से हर रात सपने में मैं उन्हें ही चोदते हुए देखती।

मैंने प्लान बना लिया, अब उन्हें अपने ससुर नहीं, मर्द समझकर चुदवाऊँगी। मैंने सारे सूट-कमीज़ छोटे करवाए, गला गहरा करवाया। झाड़ू लगाते वक्त जानबूझकर झुकती ताकि मेरे 34 के मुलायम बूब्स उनकी आँखों के सामने लटक जाएँ। कभी नाइट गाउन में गांड मटकाती, कभी चूत के दर्शन कराती। दस-बारह दिन में मैंने उन्हें अपने बूब्स, गांड और एक बार पूरी नंगी चूत के भी दर्शन करा दिए।

एक दिन मैं जानबूझकर बाथरूम से सिर्फ तौलिया लपेटे निकली और उनके ठीक सामने तौलिया गिरा दिया। नंगी खड़ी मैं, वो देखते ही रह गए। उनकी लुंगी में लंड तनकर सलामी देने लगा। मैं शर्म से नज़रें झुकाकर कमरे में भागी, पर मन में खुशी थी कि अब वो भी पागल हो रहे हैं।

उसके बाद वो मेरे कमरे में झांकने लगे। एक रात मैंने बिना ब्रा के नाइटी पहनी, दो बटन खोलकर उनके पास सोफे पर बैठ गई। बेटे को सुलाकर आई थी। मेरे बूब्स का साइड पूरा दिख रहा था। वो बेचैन होकर उठे और चले गए। मैंने टीवी ऑन किया, कोई फिल्म लग गई। थोड़ी देर में वो वापस आए। मैंने कहा, आप देखिए, वो बोले, नहीं तुम ही देखो।

फिल्म में किसिंग सीन आया, चैनल वालों ने काला कर दिया। गर्मी का बहाना करके उन्होंने बनियान उतार दी। मैंने भी नाइटी ढीली कर दी, कंधे बाहर निकाल दिए, नाइटी जाँघों तक ऊपर खिसका दी। हम दोनों एक ही सोफे पर। मैंने आँखें बंद कर लीं। वो धीरे से मेरे कंधे पर हाथ फेरने लगे। मैंने कुछ नहीं कहा। उनका हाथ मेरी नाइटी के अंदर घुसा, बूब्स दबाने लगा, आह्ह्ह, कितना मज़ा आ रहा था।

मैंने उनकी आँखों में देखा और कहा, ससुर जी, यही तो मैं चाहती थी। वो मुझे किस करने लगे, गहरी फ्रेंच किस। मैं उनके गले लिपट गई, उनकी पीठ पर नाखून गड़ाने लगी, आह्ह्ह उइई माँ, सिसकियाँ लेते हुए। वो मेरे बूब्स मसल-मसल कर चूसने लगे, निप्पल को दाँतों से काटने लगे, आह्ह्ह ह्ह्ह्ह इह्ह्ह। उनका लंड मेरी जाँघों से टकरा रहा था, लोहे जैसा गरम। मैंने उसे लुंगी के ऊपर से पकड़ कर मसलना शुरू किया।

उन्होंने मेरी पैंटी ऊपर से ही चूत सहलानी शुरू की। मैं पहले से भीगी हुई थी। पैंटी उतारकर फेंक दी, मेरी घनी काली झाँटों में उँगलियाँ फिराने लगे। अचानक तीन-चार बाल खींचकर उखाड़ दिए, मैं चीख पड़ी, आअह्ह्ह्ह माँ मर गई, और उनकी जाँघ पर नाखून गड़ा दिए। वो हँसे और मेरी चूत पर मुँह ले गए। जीभ से चाटने लगे, तीन उँगलियाँ एक साथ अंदर, मैं तड़प उठी, आह्ह्ह ऊउइइई ऊईईई ससुर जी बस करो, फिर भी झड़ गई।

फिर उन्होंने अपना मोटा लंड मेरे हाथ में थमा दिया। मैंने मुठ्ठी में कसकर दबाया। वो बोले, तैयार हो ना बहू? मैंने कुछ नहीं कहा, बस लंड को जोर से खींचा। वो मुझे 69 में ले लिए। मैं उनके लंड को मुँह में लेते हुए ग्ग्ग्ग ग्ग्ग्ग गी गी गों गों कर रही थी, वो मेरी चूत चाट रहे थे। मैंने अपना लंड उनके बूब्स के बीच में डालकर टाइट्स जैसा बनाया, ऊपर-नीचे करने लगी।

फिर सीधे हुए। मैंने पैर फैलाए, वो लंड चूत पर रगड़ने लगे। धीरे से सिर अंदर गया, मुझे दर्द हुआ पर मज़ा भी, आह्ह्ह्ह ससुर जी धीरे। वो रुके नहीं, पूरा लंड एक झटके में अंदर। मैं चीखी, आअह्ह्ह्ह माँ फट गई। फिर वो धीरे-धीरे स्पीड बढ़ाते गए। मैं भी कमर उछालने लगी। उन्होंने मेरे दोनों पैर कंधों पर रखे और ज़ोर-ज़ोर से ठोके, थप थप थप की आवाज़ पूरे कमरे में गूँज रही थी, आह्ह्ह ह्ह्ह्ह ऊईईई ससुर जी और जोर से।

अचानक बेटा रोने लगा। मैं उठना चाही, पर वो मुझे छोड़ने के मूड में कहाँ थे। मुझे गोद में उठाया, लंड चूत में ही डला हुआ, बोले, चलो मैं ही ले चलता हूँ। मैंने हँसकर कहा, ठीक है। वो मुझे खड़ा कर सोफे पर खड़ी कर दीं, मेरे दोनों पैर अपनी कमर पर लपेट लिए, लंड फिर से अंदर तक घुसा दिया और ऐसे ही मुझे चोदते हुए, मेरे कमरे तक ले गए। हर कदम पर लंड चूत में धंस रहा था, मैं तड़प रही थी, आह्ह्ह ऊउइइ मर गई ससुर जी।

कमरे में पहुँच कर बेटे को देखा, वो आराम से सो रहा था। मैंने कहा, अब यहाँ ही खत्म कर लो ना। वो मुझे बेड पर पटक कर फिर चोदने लगे। इस बार मिशनरी, फिर डॉगी, फिर मैं ऊपर चढ़कर कूदने लगी। आखिर में वो मेरी चूत में ही झड़ गए। मैं भी साथ में झड़ी।

उस रात के बाद से हमारे बीच कोई पर्दा नहीं। जब उनका मन होता है, मुझे चोद लेते हैं, जब मेरा मन होता है, मैं उनके लंड पर चढ़ जाती हूँ। अब हर रात हम एक ही बिस्तर पर सोते हैं, और सुबह उठते ही फिर चुदाई। ये मेरी ज़िंदगी की सच्ची कामुक बहू-ससुर सेक्स स्टोरी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!