Driver sex story – Hotel hardcore sex story: हेलो दोस्तों, मैं रश्मि, 40 साल की शादीशुदा औरत हूँ, आज 2025 चल रहा है और ये बात 2017 की है जब मैं 32 की थी, मेरी शादी को आठ साल हो चुके थे लेकिन अभी तक कोई संतान नहीं थी, वजह थी मेरे पति सुमित की पाँच साल से चल रही बीमारी, उनका लंड अब खड़ा तक नहीं होता था, डॉक्टर ने साफ कह दिया था कि वो कभी बाप नहीं बन सकते, सुमित को बच्चा चाहिए था इसलिए उन्होंने खुद मुझे दूसरी मर्द से चुदवाने को कहा, पहले तो मुझे बुरा लगा लेकिन फिर मैं भी मान गई क्योंकि मेरी चूत में भी पाँच साल से कुछ घुसा ही नहीं था, बस केला और बैंगन से काम चल रहा था।
हम दोनों ने मिलकर प्लान बनाया, अखबार में ड्राइवर की नौकरी का विज्ञापन दिया, सोचा तीन-चार महीने रखेंगे, जब तक मैं गर्भवती नहीं हो जाती, फिर निकाल देंगे, संडे को दस-बारह लड़के इंटरव्यू के लिए आए, उनमें से एक था राजन सिंह, लंबा-चौड़ा, गोरा, मसल्स टाइट-टाइट, देखते ही मेरी चूत में हलचल हो गई, मैंने सुमित से आँखों ही आँखों में इशारा किया, बस उसी को रख लिया।
पहले तीन-चार दिन हमने उसे बिजी रखा, कभी रिश्तेदारों के यहाँ, कभी शॉपिंग, एक दिन तो हरिद्वार गंगा स्नान भी करवा लाए ताकि उसे लगे कि काम बहुत है, फिर पाँचवें दिन हमने असली प्लान शुरू किया, सुमित बोले, “रश्मि, मैं तीन दिन के लिए गांव चला जाता हूँ, तुम दोनों आगरा जाओ, वहाँ आराम से मौज करो”, मैंने राजन को बोला, “कल सुबह आगरा चलना है, सुमित जी गांव जा रहे हैं और मुझे बैंक का काम है”, वो खुशी-खुशी तैयार हो गया।
अगले दिन मैंने लो-नेक वाला गहरा ब्लाउज़ पहना, आधे से ज्यादा बूब्स बाहर, चुन्नी जानबूझकर घर पर छोड़ दी, हॉट पिंक साड़ी में पीछे की सीट पर लेट गई, आँखें बंद करके सोने का नाटक करने लगी, पर बीच वाले मिरर से देख रही थी, राजन बार-बार मेरे चूचियों को घूर रहा था, उसकी पैंट में उभार साफ दिख रहा था, मैं मन ही मन मुस्कुरा रही थी, दोपहर दो बजे तक हम आगरा पहुँच गए।
होटल में डबल बेड रूम लिया, मैंने अपना आधार कार्ड दिखाया और राजन से बोला, “तुम भी यहीं रह जाओ, सुबह जल्दी बैंक जाना है”, कमरे में पहुँचते ही मैं नहाने चली गई, गर्मी बहुत थी, मैंने जानबूझकर बाथरूम का दरवाज़ा लॉक नहीं किया, बाहर से आवाज़ लगाई, “राजन, मेरे बैग में ब्लाउज़ है, देना ज़रा”, वो बैग खोलकर बोला, “कौन सा मैडम जी?”, मैंने कहा, “वो लाल वाला ब्रा दे दो”, दरवाज़ा थोड़ा सा खोला, हाथ ज्यादा बाहर निकाल दिया ताकि मेरे बूब्स भी झलक जाएँ, उसने ब्रा पकड़ाई, उसकी आँखें फटी की फटी रह गई।
फिर मैंने नया ड्रामा किया, बाल्टी ज़ोर से पटकी और ज़मीन पर गिर पड़ी, चिल्लाई, “आह्ह्ह मर गई, मेरा पैर टूट गया, बचाओ राजन”, वो घबराकर दौड़ा आया, दरवाज़ा खोला तो मैं सिर्फ़ ब्रा-पैंटी में लेटी थी, मेरे 36 साइज़ के भारी-भारी दूध हिल रहे थे, मोटी-मोटी जाँघें और उभरी हुई गांड देखकर वो एकदम स्तब्ध, मैंने हाथ बढ़ाया, वो मुझे उठाने लगा, मैं अपना पूरा वज़न उस पर डालकर लिपट गई, मेरे नंगे बूब्स उसकी छाती से रगड़ खा रहे थे, वो मुझे गोद में उठाकर बेड तक लाया।
बेड पर लिटाया तो मैंने कहा, “राजन, कपड़े नहीं पहन पाऊँगी, बहुत दर्द हो रहा है, तुम ही मालिश कर दो”, उसने हकलाते हुए कहा, “मैडम जी, मैं डॉक्टर को बुलाता हूँ”, मैंने उसका हाथ पकड़कर अपने बूब्स पर रख दिया, “नहीं राजन, बस हल्के-हल्के दबाओ”, उसकी हथेली मेरे निप्पल पर पड़ी तो मेरी चूत से पानी टपकने लगा, मैंने आँखें बंद करके सिसकारी ली, “आअह्ह्ह राजन, ज़ोर से दबाओ ना”, उसका लंड पैंट फाड़कर बाहर आने को बेताब था।
मैंने उसकी पैंट की ज़िप खोली और उसका मोटा-लंबा लौड़ा बाहर निकाल लिया, कम से कम 9 इंच का काला-कलूटा, नसें फूली हुई, मैंने उसे मुँह में लेकर चूसना शुरू किया, ग्ग्ग्ग्ग्ग ग्ग्ग्ग गी गी गों गों गोग, पूरा गले तक उतार लिया, वो मेरे बाल पकड़कर धक्के देने लगा, “आह्ह मैडम जी, क्या मुँह है आपका”, दस मिनट तक मैंने उसका रस पीया, फिर मैं बेड पर घोड़ी बन गई, उसने मेरी पैंटी फाड़ दी और मेरी चूत चाटने लगा, जीभ अंदर तक डालकर चूस रहा था, मैं चिल्ला रही थी, “आह्ह्ह ह्ह्ह राजन, चूसो मेरी चूत को, पाँच साल बाद कोई चाट रहा है आअह्ह्ह ऊउइइई”
फिर उसने अपना मोटा सुपारा मेरी बुर पर रगड़ा, एक ही झटके में पूरा लंड अंदर घुसा दिया, “आअह्ह्ह्ह माँ मर गई राजन, कितना मोटा है तेरा, फाड़ दी मेरी चूत”, वो पीछे से पेल रहा था, मेरे बूब्स लहरा रहे थे, कमरे में चप-चप चपचप की आवाज़ें गूँज रही थीं, मैं उसकी गांड पकड़कर और ज़ोर से खींच रही थी, “चोद राजन, ज़ोर ज़ोर से चोद, बना दे मुझे माँ”, वो पागल हो गया, 20 मिनट तक घोड़ी बनाकर चोदा फिर मुझे ऊपर चढ़ा लिया, मैं उछल-उछल कर चुदवा रही थी, मेरे दूध उसके मुँह में थे, वो काट रहा था, “आह्ह्ह हाय हाय ह्हीईईई ऊउइइ मर गई राजन”
फिर उसने मुझे लिटाकर मेरी टाँगें कंधे पर रखीं और मिशनरी में पेलने लगा, मेरी चूत से फच फच फच की आवाज़ें आ रही थीं, मैं उसकी पीठ नाखूनों से खींच रही थी, आखिर में वो झड़ने वाला था, मैंने कहा, “अंदर ही डाल दे राजन, मैं प्रेग्नेंट होना चाहती हूँ”, वो गरजते हुए बोला, “ले साली रंडी, ले मेरा माल”, और सारा गाढ़ा वीर्य मेरी बच्चेदानी में उड़ेल दिया, मैं भी झड़ गई, “आअह्ह्ह्ह्ह ऊउउउउउ मेरी कोख भर दे राजन”
उसके बाद हम सो गए, पर रात में तीन बार और चुदाई हुई, सुबह उठते ही फिर बाथरूम में घोड़ी बनाकर चोदा, फिर दिन भर होटल में ही रहे, बैंक का बहाना बनाकर, 36 घंटे में उसने मुझे 14 बार चोदा, मेरी चूत सूज गई थी, गांड भी मार ली उसने, पहले दर्द हुआ पर फिर मज़ा आने लगा, “आह्ह्ह राजन, गांड में और ज़ोर से, फाड़ दे आज”, आगरा से लौटते वक़्त भी हाइवे पर एक सुनसान जगह पर गाड़ी रोककर उसने मुझे सीट पर लिटाकर फिर पेला।
दिल्ली लौटी तो सुमित अभी गांव से नहीं आए थे, राजन अब दिन-रात मेरे साथ सोने लगा, दो महीने तक रोज़ चुदाई होती रही, फिर एक दिन मैं प्रेग्नेंट हो गई, सुमित बहुत खुश हुए, राजन को अच्छे पैसे देकर विदा कर दिया, आज मेरा बेटा 7 साल का है, राजन जैसा दिखता है, मैं और सुमित दोनों खुश हैं, कभी-कभी आज भी राजन को याद करके मेरी चूत गीली हो जाती है।
इस चुदाई की असली फोटो देखें: Driver ne malish karke choda